आज दिल टूटया दी गल्ला करदे, कभी देखते थे दिल मिलेया दे मेले... कभी हमारे होने से भीड़ लग जाती थी, आज भीड़ मे भी हम है अकेले... वाह तेरे एह खेले रबा, वाह तेरे एह खेले...