जाने क्यूँ बातें कुछ अपने हाँथों में नहीं होती मन में हो फिर न जाने क्यूँ लफ्जों में नहीं होती आ भी जाए जब इन हाँथों में जाने क्यूँ इन पर किसी की पकड़ ही नहीं बनती #pakad