Nojoto: Largest Storytelling Platform

जब से खुद को पहचाना है। एक जुनून सा मुझ पर छाया

जब से खुद को पहचाना है।
  एक जुनून सा मुझ पर छाया है।।
   वो ख्वाब मुकम्मल कर दिखाना है।
  जो आँखों में सजाया है।।
एक चिराग जो मन मे जला रखा है।
  रोशन सारा जहां कर दिखाना है।। 
बेशक एक बेटी हूँ मैं लेकिन
  बेटे का फ़र्ज़ भी निभाना है।।
एक छोटी सी ख्वाहिश है मुझे
    मेरी माँ का बेटा बन कर दिखाना है।।


- निधि गुप्ता बेशक एक बेटी हूँ, बेटे का फ़र्ज़ भी निभाना है।।
जब से खुद को पहचाना है।
  एक जुनून सा मुझ पर छाया है।।
   वो ख्वाब मुकम्मल कर दिखाना है।
  जो आँखों में सजाया है।।
एक चिराग जो मन मे जला रखा है।
  रोशन सारा जहां कर दिखाना है।। 
बेशक एक बेटी हूँ मैं लेकिन
  बेटे का फ़र्ज़ भी निभाना है।।
एक छोटी सी ख्वाहिश है मुझे
    मेरी माँ का बेटा बन कर दिखाना है।।


- निधि गुप्ता बेशक एक बेटी हूँ, बेटे का फ़र्ज़ भी निभाना है।।
nidhigupta2082

Nidhi Gupta

New Creator

बेशक एक बेटी हूँ, बेटे का फ़र्ज़ भी निभाना है।। #कविता