तोड़ कर रख दिया मुझे एक पल में पेड़ बनकर तुम्हें हमेशा छाया देता था मैं। काफी परिंदों का घर था मैं। काफी राहगीरों के लिए विश्रामस्थल था मैं।। क्यों नहीं समझते दर्द मेरा मैं सिर्फ पेड़ नहीं बहुत कुछ हूं मैं । किसी के सिर की छत, किसी के लिए फल देने वाला मां का रूप हूं मैं क्यों नहीं समझते पीड़ा मेरी तुमको बहुत कुछ देकर मैं कभी कुछ वापस मांगता भी नहीं मैं। ©Aishwarya CMH #Nojoto #aishwaryacmhnature #Feeling #feelings #Life #Love #India #tree #Nature #plants