कोई ग़म भरके जहन में जी रहा है, कोई खुशियाँ गहन में जी रहा है । जिन्दा तो बेशक है सभी यहां पर, मग़र हर कोई वहम में जी रहा है ।। ©Dawoli aala #exprince #booklover