देखते देखते रेत की तरह मूट्ठी से ये लम्हे फिसलते गए, रिश्ते नाते सारे आँखों से ओझल हुए, गम के भार भी अक्सर मन को बोझिल किए, यादों के बौछार वक्त बेवक्त दस्तक दे जाए, अबिरत चलता संसार वक्त दरिया सा बेहता जाए। देखते देखते... #देखतेदेखते #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #मेरीडायरीकेकुछपन्ने #मेरीक़लमसे #yqhindi #जीवन