बचपन और बारिश वो बारिश बचपन वाली, कहीं पानी में छप तो कहीं गड्ढों में नाव हमारी। भिगने को मचलना,हर छोटी बात के लिए घर से निकलना। और कभी बारिश को खिड़कियों से तकना। तो कभी बारिश के पानी को हाथों में भरने की ख्वाहिश रखना। #बचपन_और_बारिश