माना, ग़लती हुई है मुझसे पर इस कदर क्या रूठना। झगड़े तो होते रहते हैं ना इतना भी क्या नाराज़ होना। देखो, माफी भी तो माँग रहा हूँ इतने में घर छोड़कर क्यों जाना? क्या बिल्कुल संभव नहीं है तुम्हारा हमेशा की तरह रूक जाना? मेरा आज रात डिनर बनाकर तुम्हें अपने हाथों से खिलाना। फिर सारे गिले-शिकवे भुला कर तुम्हारा प्यार से गले लग जाना। #yqbaba #yqdidi #yqhindi #napowrimo #napowrimo2021 #napowrimoday8 #writingresolution #writingchallenge