वो कोई कहानी थी या बस एक फसाना था जिस गली से तुम गुज़रे हो,मेरा रोज़ का आना जाना था आज मैं जो इतना शरीफ बना घूमता हु भूलो मत के मेरा भी एक जमाना था। #unforgetable memories