वो रात का पहर खूबसूरत चांदँ खुला आसमांँ अपने दरमियाँ कम करके फासले मिटाई थी हमने दूरियांँ आकर आगोश में खो गए थे एक दूजे में आकर हम एक दूजे के क़रीब बन गए हम एक दो जिस्म एक जान और एक दूसरे के नसीब। ♥️ Challenge-731 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।