मेरे मन के अभिलेखों में तुम ही तुम समाई हो प्रेम का एक आवेदन हूँ मैं तुम देख जिसे मुस्काई हो.. तुम चंदा हो तुम तारा हो तुम मेरा आकाश सारा हो तुम बादलों के बीच ठहरी बिजली की अंगड़ाई हो.. तुम सौम्य तुम शीतल तुम प्रखर तुम चंचल तुम शर्म में लिपटी हुई सागर की गहराई हो.. अदभुत एक छटा हो तुम मय जैसा नशा हो तुम छाँव कभी हो तुम मेरी कभी मेरी परछाई हो.. मेरे मन के अभिलेखों में तुम ही तुम समाई हो.. -KaushalAlmora #अभिलेख #yqdidi #yqbaba #yqhindi #yq #yqdiary #yqlove #yqthoughts