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गलियों में भटकता राही पहूॅंचा हूॅं तेरे दर पे कुछ

गलियों में भटकता राही
पहूॅंचा हूॅं तेरे दर पे
कुछ तो रहम कर ए खुशी
थोडासा ही सही अब तो मुस्कुरा दे

शब्दवेडी #३६/३६५
गलियों में भटकता राही
पहूॅंचा हूॅं तेरे दर पे
कुछ तो रहम कर ए खुशी
थोडासा ही सही अब तो मुस्कुरा दे

शब्दवेडी #३६/३६५