Nojoto: Largest Storytelling Platform

कई बरस बाद अचानक एक मुलाक़ात और दोनों की हस्ती इक

कई बरस बाद अचानक एक मुलाक़ात
और दोनों की हस्ती इक नज़्म की तरह काँपी
सामने पूरी रात थी
मगर आधी नज़्म एक गोशे में आवेज़ाँ रही
सुब्ह हुई तो हम फटे हुए काग़ज़ के टुकड़ों की तरह मिले
मैं ने अपने हाथ में उस का हाथ थामा
उस ने अपनी बाँह में मेरी बाँह डाली
फिर हम दोनों सेंसर की तरह हँसे
और काग़ज़ को ठंडी मेज़ पर रख कर
सारी नज़्म पर एक लकीर फेर दी

©Jashvant
  #relaxation with नज्म  Dr.Mahira khan Geet Sangeet Lalit Saxena Ek Alfaaz Shayri vineetapanchal
jashvant2251

Jashvant

Bronze Star
New Creator

#relaxation with नज्म Dr.Mahira khan Geet Sangeet @Lalit Saxena @Ek Alfaaz Shayri @vineetapanchal #Life

234 Views