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साधक लाख ध्यान, जप-तप, पूजा और पाठ कर ले, किन्तु ज

साधक लाख ध्यान, जप-तप, पूजा और पाठ कर ले, किन्तु जब तक गुरु कृपा नहीं हो जाती,  साधक के सारे प्रयास व्यर्थ ही सिद्ध होते रहते हैं. अत: आराधना और ध्यान में प्रवृत्त होते समय प्रथम प्रणाम श्री गुरदेव भगवान को है. जै जै श्री गुरुदेव. 🙏

©Shiv Narayan Saxena गुरु वंदन.
साधक लाख ध्यान, जप-तप, पूजा और पाठ कर ले, किन्तु जब तक गुरु कृपा नहीं हो जाती,  साधक के सारे प्रयास व्यर्थ ही सिद्ध होते रहते हैं. अत: आराधना और ध्यान में प्रवृत्त होते समय प्रथम प्रणाम श्री गुरदेव भगवान को है. जै जै श्री गुरुदेव. 🙏

©Shiv Narayan Saxena गुरु वंदन.

गुरु वंदन.