ज़ुबान खामोश थी जबतक, वो अदायगी थी हमारी । ज़रा सी फीसली क्या , तहजीब के दायरे बताने लगे सभी । ©Rashmi Vats #ज़ुबान#खामोश#अदायगी#तहजीब