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पल्लव की डायरी उठ गया वासना से ऊपर आडम्बर सब जग मे

पल्लव की डायरी
उठ गया वासना से ऊपर
आडम्बर सब जग में दिखते है
निज चेतना के सागर में डूब गया
बस्त्र भी उसको चुभते है
उठ गया वो मानव से ऊपर
प्रकृति स्वरूप वो विचरता है
नग्नता कोई पागलपन नही है
वो परिग्रह की सब सीमा तोड़ चुका है
दिगम्बरत्व बन कर वह 
इन्द्रियों को बस में कर के 
नाता मुक्ती पथ से जोड़ चुका है
                                                ।प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"
  #God निज चेतना जे सागर में डूब गया,वस्त्र भी उसको चुभते है
#nojotohindi

#God निज चेतना जे सागर में डूब गया,वस्त्र भी उसको चुभते है #nojotohindi #कविता

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