तेरे लफ़्ज़ों में थकान क्यों है तेरे मेरे दरमियान है दूरियां सिर्फ इस बात से परेशान क्यों है? मेरा मन कबसे उदास है कुछ तो बात है सिर्फ यही एक मन में सवाल क्यों है? कुछ खोने सा एहसास हुआ है ना जाने कितना वक्त हुआ हो बंद है लोचन मेरे फिर ना जाने इनमें बहाव क्यों है? कदम मेरे फिर लड़खड़ा गए हैं तेरा साथ है पर मेरे हाथ में ये राख क्यों है? सब कुछ ठीक है तो फिर तेरे दूर होने का एहसास क्यों है? ©VIJAY PRATAP सवाल