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रख हौसला की मंज़िल खुद चल के आएगी। होंठों पे मुस्का

रख हौसला की मंज़िल खुद चल के आएगी।
होंठों पे मुस्कान तेरे खुद पिघल के आएगी।

कुछ पल को तो इंतजार करो साहिल का।
इज़हार-ए-इश्क़ होंठो से निकल के आएगी। 
सहभागिता सबके लिए खुली है ✍🏻 साहित्यिक सहायक 

शब्दों की मर्यादा का ध्यान अवश्य रखे ✍🏻

1. फॉन्ट छोटा रखें और बॉक्स में लिखें

2. इस वाक्य को अपने सुंदर शब्दों से पूरा करें
रख हौसला की मंज़िल खुद चल के आएगी।
होंठों पे मुस्कान तेरे खुद पिघल के आएगी।

कुछ पल को तो इंतजार करो साहिल का।
इज़हार-ए-इश्क़ होंठो से निकल के आएगी। 
सहभागिता सबके लिए खुली है ✍🏻 साहित्यिक सहायक 

शब्दों की मर्यादा का ध्यान अवश्य रखे ✍🏻

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2. इस वाक्य को अपने सुंदर शब्दों से पूरा करें