विधा-कविता विषय-कारगिल दिवस दिनांक २६/०७/२०२२ विजय गाथा लिख गई कारगिल की चोटियां विजय ध्वज लहरा उठा आसमान भी गूंज उठा देश फिर साक्षी हुआ शत्रुओं के आक्रमण का मुंहतोड़ ये जवाब था हर सैनिकों के शौर्य का देशभक्ति का प्रमाण था जनमानस में भी विजय दिवस के आह्लाद का अभिमान था जब कारगिल की चोटियों में गूंजा वंदेमातरम का गान था *अंजनी त्रिपाठी 'गर्ग'* हरिद्वार उत्तराखंड ©@Anjani Tripathi कारगिल #Kargil