हैरान है, ज़िन्दगी मुझे यू बेफ़िक्री से बढ़ता देख ना डूबने का डर है, ना कोई सीकंज की लकीरें है माथे पर और ना कोई दिल में ग़म। बीच माजधार में फंसी है नईया मेरी फिर भी पीछे मुड़ने कि चाह नहीं है, अब बस धुन है किसी और चाहत की तो मौत को गले लगाने से कैसे रुके, ये क़दम।। #maut #befikri #nojotopoem #myquotes