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कितना भी छुपा लो... कितना ही चुप रह लो... कुछ भी क

कितना भी छुपा लो...
कितना ही चुप रह लो...
कुछ भी कहो...
दिल की बात जुबाँ पर आ ही जाती है...
भावों की "परत-दर-परत" उतर ही जाती हैं...
जिसे कहने से बचते रहे...
वह "खुद-ब-खुद" वाणी का रुप धर ही लेता है...
रोकना चाहो कितना ही उस "आवेग" को...
सभी मानसिक बाधाओं को तोड़...
बह ही जाता है...! कुछ भी कहो, दिल की बात ज़बाँ पर आ ही जाती है।
#कुछभीकहो #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
कितना भी छुपा लो...
कितना ही चुप रह लो...
कुछ भी कहो...
दिल की बात जुबाँ पर आ ही जाती है...
भावों की "परत-दर-परत" उतर ही जाती हैं...
जिसे कहने से बचते रहे...
वह "खुद-ब-खुद" वाणी का रुप धर ही लेता है...
रोकना चाहो कितना ही उस "आवेग" को...
सभी मानसिक बाधाओं को तोड़...
बह ही जाता है...! कुछ भी कहो, दिल की बात ज़बाँ पर आ ही जाती है।
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