#मेरी_पगली एक तू #पगली ही तो थी जिसे हमने अपना कहा था गैरो के लिये इस दिल में सपना कहाँ था पर तुझे ना जाने क्यूँ मेरी मोहब्बत दिखायी न दी शायद तेरे दिल में मेरी तस्वीर ना थी अब तेरी इस खामोशी को और ना सह पाऊँगा देदे मुझको जबाब मेरे सवालात के नही तो तेरा होके में तेरे ही ख्यालो में खो जाऊँगा तुझसे तन्हा अब और ना रह पाऊँगा