#OpenPoetry एक नजर देखले,मुस्कराती हुयी..! चश्मे-खंज़र से दिल आजमाती हुयी..!! इन हवाओं पे कैसा नशा छा गया..! कौन शहजादी आयी थी गाती हुयी..!! अब तो हो जाते हैं, रोज-ओ-शब मख़मली..! जब भी आती है, फ़ारिग-लजाती हुयी..!! आज रोयी बहुत ,चाँद की चांदनी..! चार दिन की हूँ, मैं ये बताती हुयी..!! --mohit bajpai ||आज रोयी बहुत चाँद की चांदनी|| #nojoto#nojotogajal#nojotosadshayri#nojotolove#quotes