देर तक तूफानों से लड़ता रहा मैं जमीं से आसमां तक तूफानों से झूजता रहा मैं,सब कुछ उड़ा ले गया वो,भवंडर मेरा, उजड़ा हुवा अकेला छोड़ गया वो भवंडर मेरा मैं हौंसला न हारा कभी टूटने के बाद भी,खुद को फिर से संवारा मैने, तूफ़ान से छूटने के बाद देर तक तूफानों से लड़ता रहा में ज़िंदगी तुफानों का एक आशियां है, हौंसला खुद का जिन्दगी की रोशनी है , इसको कभी बुझने न देना, अपने जीवन को तुफानों से उजड़ने मत देना,हर चीज संवर जाती है,गर दिल में हौंसला है जिंदगी बसर फिर हो जाती है गर दिल में होंसला है ©पथिक #strom