आज चांद को निहारा बड़े प्यार से मानो जैसे मेरे ही मन में आए अंधेरे को रौशन करने आया हो और मेरी balcony में जलते वो दिए जो खुद स्वयं जलकर मेरे आंगन को सज़ा रहे थे लगा जैसे यहीं है जिसकी मुझे तलाश थी एक उमीद की या एक राह की खैर मैं नहीं जानती मगर आज बड़े दिनों बाद ये सुकून वाली मुस्कान मानो जैसे वो रूह को चू जाने वाला एहसास फ़िर लौट आया हो #quote #nojoto #kalpanaagarwal #Chand