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इसी तरह रोज़ सुबह सुबह हर दिन, यूं ही हम मिलते रहे

इसी तरह रोज़ सुबह सुबह
हर दिन, यूं ही हम मिलते रहेंगे।

सूरज की किरणों से खिले हुए 
मोतियों के फूल ,सदा चुनते रहेंगे।

 चाहे बादलों में  जाके छिपे सूरज ,
या दिखे चांद आधा, टूटेगा नहीं वादा।

आज के दिन को अमर बनाने का, मन
 में करके इरादा, कर सकती हो वादा।

©Anuj Ray
  #कर सकती हो वादा...
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Anuj Ray

Bronze Star
New Creator
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#कर सकती हो वादा... #कविता

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