White मत हीं पूछो तो बेहतर है यारों शब्द आज़ मायूस हैं, फिसल रही है क़लम आज़ तो कागज़ पर, अभिव्यक्तियों का शोर आज़ ज़रा कमज़ोर है... फिसल रहा है लम्हा-लम्हा हर पल , विमुखता को मापने का अब तो जोर है। #मानस । #everyone ©Manas Krishna #Sad_shayri