5. कभी भूलकर भी नहीं देखना चाहती जो कोई और सपना तेरे दीदार की प्यासी इन आंखो का हिजाब तू है आखिरी कदम रखकर खड़ा हूं मैं जहां मेरी उस मंजिल का आगाज तू है। _ written by Akki Para मेरी उस मंजिल का आगाज तू है