White इन रास्तों की भी कई कहानियां हैं इन पर भी चलती फिरती ज़िंदगियां हैं किसी को किसी से मिलने की चाह है किसी की ये काम की राह है कोई ढूंढे इसमें जीने का सलीका कि शायद मिल जाए हंसने का तरीका कोई रुका इसके किनारे हाथ में चाय और आंखों में नज़ारे किसी की कहीं पर उम्मीद है टूटी तो कहीं किसी की मंज़िल है छूटी सिखाती है सबको खुद पर चलना मगर क्या हो जाता दिखा भी देती थोड़ा रास्ता अगर कि कम नहीं तू भी इस ज़िन्दगी से ज़रा भी वो भी ले जाती है किसी को कहां भी क्या पता, भूले हुए शायद कुछ संवर जाते कुछ लोग गिरने से भी संभल जाते खैर ,कोई नहीं खैर ,कोई नहीं अब करें भी तो क्या करें तू ही तो एक अपनी है, तुझी से क्या कहें कि अब तो इन राहों को समझना सीख लिया कि तुझ पर बीते पलों को जीना अब सीख लिया जाना है अब ,कि असल में हमें क्या काम है तेरी ही तरह ये ज़िन्दगी भी चलने का नाम है ज़िन्दगी भी चलने का नाम है। ©Jiyona #Road poetry lovers love poetry in hindi hindi poetry on life poetry in hindi poetry