एक सादा साधारण सा, रहन सहन रखता हूं। दुनिया किस नजर से देखती मुझे, इससे परेज रखता हूं।। कुछ भी कहते हैं लोग, लोगों की परख पर नजर रखता हूं। भेष-भूषा देख कर अंदाजा लगाते, ऐसे नादानो को नादान ही बनाए रखता हूं।। मेरे ऐसे दिखावे पर मत जाना, जैसा दिखता हूं उससे कहीं ज्यादा, मोहब्बत दिल में रखता हूं। रहन सहन मेरा देखकर, लोगों की टोली धोखा खा जाती, ऐसे बेचारों को, अनजान ही बनाए रखता हूं।। अंदाज मेरा निराला है जीवन जीने का, सबको अपना समझकर, प्रेम से दिल में बसा कर रखता हूं। एक सादा साधारण सा, रहन सहन रखता हूं...... ©Yogendra Nath #Twowords#रहन सहन