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कुछ इसलिए भी खटकते हैं पाँव रात के कि हमको मालूम

कुछ इसलिए भी खटकते हैं
 पाँव रात के 
कि हमको मालूम न था 
रात ऐसी भी होगी 
 सजदा होगा  
महफिल होगी 
बस समात में
  उनकी कमी होगी #Lantern
कुछ इसलिए भी खटकते हैं
 पाँव रात के 
कि हमको मालूम न था 
रात ऐसी भी होगी 
 सजदा होगा  
महफिल होगी 
बस समात में
  उनकी कमी होगी #Lantern