इक अजब सी कहानी जिसमें दर्द है बेजुबानी। होंठों पर हँसी और आँखो में पानी, कुछ सपनो की खातिर छोड़ दी अपनी रुवानी।। ।। इस युग का मिर्जा गालिब।। रूवानी = मिजाज -ए-मस्ती #मेरे#अधुरे#सपने#अंकित