White मैं एक ऐसे मझधार में खड़ा हूं कि कहा जाना है और कहीं पर जा रहा हूं, मंज़िल तक नहीं पहुंच सका हूं जिनको समझना और खुद को समझा रहा हूं! झुक गया हूं उनके सम्मान में कि आंच नहीं आने दूंगा अपनें पिता जी की शान में,, काश! वो मुझे एक काबिल समझ पाते समाज की नजरों से दूर जाकर शब्दों में!! डीयर आर एस आज़ाद... ©Ramkishor Azad #bike_wale #मझधार #मंजिल #जिंदगी_का_सफर #शायरी #rsazad #treanding #viral #Love #पिताजी_को_समर्पित Nîkîtã Guptā