थकन से भरे दिन के बाद युही रात में लेटाथा नींद की गोध में सपनो की चादर ओढे बैठा था सपनो को अलविदा कर जब में वापस आया आँखों के द्वार के बाहर मैंने कुछ ख़ास पाया सूरज की पहली किरण मेरे खिड़की पर खटखटा राही थी ऐसा लगा के सुनेहरी आवाज़ में वो मुझको कुछ बता रही थी मेरे मन में प्रश्न का बादल छाया मन भी थोडा दगमगाया सोचा मेने थोड़ी देर फिर कदम बढ़ाकर बहार आया बहार आया तो लगा ऐसे सोने की होगयी हो दुनिया जैसे सुनेहरी किरण ने फिर मुझे भी लिपट लिया अपने आप में समाकर, मुझे भी सुन्हेरा कर दिया प्रेम दनाने #twilight