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भँवर में कश्ती दिल तरसता मेरा है आँखे तरसती मेरी

भँवर में कश्ती

दिल तरसता मेरा है आँखे तरसती मेरी है ! 
हमसे जुदा जुदा जो....रहतीं मस्ती मेरी है !! 

डूब जाएगी या पार लगेगी उलझा उलझा रहता हूँ ! 
धार का अता पता नहीं...भँवर में कश्ती मेरी है !! 

बस्ती छोड़ शहर में आया बस्ती को समझा नहीँ ! 
ठोकर मारता है शहर.. नाराज बस्ती मेरी है !! 

भटक रहा हूँ दर ब दर किसी मोड़ पे मिल जाये ! 
अपने हाथों से जो.... खोई हस्ती मेरी है !! 

चौकस नज़र जामाने की किसका हाल कैसा है ! 
उनकी नजरों में अभी... जान सस्ती मेरी है !!

©S K Sachin #भँवर में कश्ती #गज़ल

#SuperBloodMoon
भँवर में कश्ती

दिल तरसता मेरा है आँखे तरसती मेरी है ! 
हमसे जुदा जुदा जो....रहतीं मस्ती मेरी है !! 

डूब जाएगी या पार लगेगी उलझा उलझा रहता हूँ ! 
धार का अता पता नहीं...भँवर में कश्ती मेरी है !! 

बस्ती छोड़ शहर में आया बस्ती को समझा नहीँ ! 
ठोकर मारता है शहर.. नाराज बस्ती मेरी है !! 

भटक रहा हूँ दर ब दर किसी मोड़ पे मिल जाये ! 
अपने हाथों से जो.... खोई हस्ती मेरी है !! 

चौकस नज़र जामाने की किसका हाल कैसा है ! 
उनकी नजरों में अभी... जान सस्ती मेरी है !!

©S K Sachin #भँवर में कश्ती #गज़ल

#SuperBloodMoon