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उसके झुमके जब भी हवा संग लहराते हैं, एक मधुर सा स

 उसके झुमके जब भी हवा संग लहराते हैं,
एक मधुर सा संगीत हर पल यूँ बजाते हैं..!

सजते हैं चेहरे पर उसके और उसको ख़ूब सजाते हैं,
कभी सुंदरता से अपनी सभी को यूँ जलाते हैं..!

ज़ुल्फ़ों में जब फंसते है तब थोड़ा सा बलखाते हैं,
होते है आज़ाद केशों से दम्भ में यूँ इतराते हैं..!

होती है तारीफ़ जब इनकी यूँ मंद मंद मुस्कुराते हैं,
बिन पिए ही होश खो देते हैं क़दम लड़खड़ाते हैं..!

चूमते हैं गालों को उसके हमको यूँ तड़पाते हैं,
क़ैद रहे हम पंछी से बस और पंख फड़फड़ाते हैं..!

©SHIVA KANT
  #jhumkewali