Nojoto: Largest Storytelling Platform

"एक दर्द ऐसा भी" आंसुओं के सैलाब मैंने, कुछ इस तरह

"एक दर्द ऐसा भी"
आंसुओं के सैलाब मैंने,
कुछ इस तरह से आंखों में छुपाया,
ढूंढना चाहा सब ने,
पर किसी को नजर भी न आया है।
महबूब को जिंदगी,
और मुहब्बत को इबादत माना था कभी!
पर आंख तो तब खुली,
जब मीठी बाते करने वालो ने भी अपना,
गिरगिट सा रंग दिखाया है।
अश्क आंखों में न छुप सके हैं,
और किसी तरह से भी पूरा बाहर भी न
निकल पाया है,
चारो तरफ मानो लगता है जैसे कोई!
काला बस अंधेरा साया है।

©anjana wrighter "ek dard Aisa bhi"
"एक दर्द ऐसा भी"
आंसुओं के सैलाब मैंने,
कुछ इस तरह से आंखों में छुपाया,
ढूंढना चाहा सब ने,
पर किसी को नजर भी न आया है।
महबूब को जिंदगी,
और मुहब्बत को इबादत माना था कभी!
पर आंख तो तब खुली,
जब मीठी बाते करने वालो ने भी अपना,
गिरगिट सा रंग दिखाया है।
अश्क आंखों में न छुप सके हैं,
और किसी तरह से भी पूरा बाहर भी न
निकल पाया है,
चारो तरफ मानो लगता है जैसे कोई!
काला बस अंधेरा साया है।

©anjana wrighter "ek dard Aisa bhi"