महफ़िल महफिल में तेरी आ गए हैं चाहें तो ठुकराएं। तेरे साथ ये जिन्दगी है चाहे दूर रहें या अपनाएं। आज इस महफिल में आए हैं कल जाने कहाँ होंगे। अनजान यहाँ पर चेहरे हैं एक तुम ही हो जिसे अपना बनाएं। शायरः- शैलेन्द्र सिंह यादव #NojotoQuote शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी महफिल में तेरी आ गए हैं।