वर्षा का महत्व - - - - - - - - - - वे बौछारें बारिश की आईं रिमझिम शीतलता हैं लाईं। प्यासी धरा की प्यास मिटाने बन अमृत की बून्दे आईं।। कृष्ण मेघ छाए नभ ऐसे माँ प्रकृति के केश हों जैसे। शंखनाद सम मेघ का गर्जन स्वागत हरियाली का जैसे।। प्रसन्न दिख रहे हैं सब प्रानी बोल रहे सब कर्णप्रिय वानी। मोर का नृत्य देख कर नभ भी लिख रहा है मधुर कहानी।। मुदित हो रहे कृषक सभी हैं सुखद भविष्य सोचते अभी हैं। होती उपज है जब भरपूर खाते सब नागरिक तभी हैं।। वर्षा से पर्यावरण खिलता मन में हर्ष अपार है घुलता। करते रहते प्रतीक्षा जिसकी प्रकृति को नवप्राण वो मिलता।। #nature #poetry #प्राकृतिक #सौंदर्य