मुझ पर उंगलियां उठाते हो इसमें तुम्हारा ही वक्त जाया है। खुद को तराश के कमाल देखो इस भीड़ में यही कहने ये बंदा आया है।। आदित्य कुमार भारती #Finishing of own art#स्वयं की कला का निखार