.. ज़िंदगी का सबब के हादसों के बक्शे तजुर्बे हों, सुनी सुनाई किस्सागोई कहने भर को नुस्खे हों.. .. नेमतें बेशुमार की हर पहलू काबिल ए कदर हों, किस्म को तर्जिह दें ग़र मांग दाम नफ़ा फ़र्क हों.. .. सलाह आगाह करे बसर में बंदे भरोसे के न हों, तर्बियत की तशरीह कहने को सभी की नेकी हो.. ..🌱खुशामदीद..💞 तशरीह माने, अर्थ, तात्पर्य, संदर्भ, अंग्रेज़ी में कहें, इंटरप्रेट/interpret.