हालात तो खुद की भी खराब थी.... और हम... दुसरे को रोटी खिलाने चले थे.... सोया नहीं था अरसों से, अपनी चहारदीवारी में और हम... दुसरे का आँगन बसाने चले थे.... सुकून था बस.... और क्या....... खुद की जल कर राख हो चली... और कमबख़्त हम... दुसरे की आग बुझाने चले थे।। Halat... ### happiness ##........true emotions... ##