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सोचती हूं आज इतनी घुटन सी क्यूं हैं..? ओह..! कहीं


सोचती हूं आज इतनी घुटन सी क्यूं हैं..?
ओह..!
कहीं तुमपे कुछ घटा तो नहीं
या फिर..
तुम किसी मुसीबत में..
या..
छोड़ कर कहीं दूर तो नहीं निकले जा रहे..?
जाने कितनी बातें आ जाती हैं जेहन में
जो कभी अचानक ही 
चलते चलते 
रुकती हैं सांसें।
क्यों किसी ने आकर 
दोनों हाथों से दबा दिया मेरा गला..?
जब कभी चलते चलते
रुकती सांसें...।

©Aishani
  #Chalate chalate