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मत बेचो तुम देश भक्ति को,

मत बेचो तुम देश भक्ति को,
                        हमे तिरंगे मे रहने दो,
रंगों से तुम भेद हटा के ,
                     हनुमान को सबका रहने दो।

लोग हस्तें हैं मुझपे जब करता हूं मैं उस भगत की बात,
बापू की वो बातें थी जो, बन चुकी हैं जुमले आज,
माना तुम हो नही चाहते,याद करना उस आज़ाद को,
हम तो उसके यार हैं,हमे किरदार उसी का जीने दो।

मत बेचो तुम देश भक्ति को,
                      हमे तिरंगे मे रहने दो,
रंगों से तुम भेद हटा के,
                      हनुमान को सबका रहने दो।

कौन थी झांसी की रानी?और कौन का पृथ्वी राज चौहान?
आज के बच्चों को पता कहां कि कौन था वो चाणक्य महान,
कौन था वो जिसने खून मांगा था और आज़ादी हमें दिलाई थी?
जब भूल गए हो सारे किस्से तो गीत हमे ये गाने दो।

कि मत बेचो तुम देश भक्ति को,
                       हमे तिरंगे मे रहने दो,
रंगों से तुम भेद हटा के,
                     हनुमान को सबका रहने दो।

कुछ पढ़े लिखे हैं बनते,जिनको नही भाषा का ज्ञान,
कुछ सियासी बौने हैं जो समझते खुद को तुर्रम खां,
और हमारे यारों की चिताओं पर जिसने सियासी रोटी सेकी है,
वो क्या बतलाएगा देश प्रेम,मुझे बात उससे ये कहने दो।

कि मत बेचो तुम देश भक्ति को,
                         हमे तिरंगे मे रहने दो,
रंगों से तुम भेद हटा के,
                      हनुमान को सबका रहने दो।
     #NojotoQuote mat becho tum desh bhakti ko
#nojoto #nojotohindi #26jan #republicday #deshbhakti #hindipoetry
मत बेचो तुम देश भक्ति को,
                        हमे तिरंगे मे रहने दो,
रंगों से तुम भेद हटा के ,
                     हनुमान को सबका रहने दो।

लोग हस्तें हैं मुझपे जब करता हूं मैं उस भगत की बात,
बापू की वो बातें थी जो, बन चुकी हैं जुमले आज,
माना तुम हो नही चाहते,याद करना उस आज़ाद को,
हम तो उसके यार हैं,हमे किरदार उसी का जीने दो।

मत बेचो तुम देश भक्ति को,
                      हमे तिरंगे मे रहने दो,
रंगों से तुम भेद हटा के,
                      हनुमान को सबका रहने दो।

कौन थी झांसी की रानी?और कौन का पृथ्वी राज चौहान?
आज के बच्चों को पता कहां कि कौन था वो चाणक्य महान,
कौन था वो जिसने खून मांगा था और आज़ादी हमें दिलाई थी?
जब भूल गए हो सारे किस्से तो गीत हमे ये गाने दो।

कि मत बेचो तुम देश भक्ति को,
                       हमे तिरंगे मे रहने दो,
रंगों से तुम भेद हटा के,
                     हनुमान को सबका रहने दो।

कुछ पढ़े लिखे हैं बनते,जिनको नही भाषा का ज्ञान,
कुछ सियासी बौने हैं जो समझते खुद को तुर्रम खां,
और हमारे यारों की चिताओं पर जिसने सियासी रोटी सेकी है,
वो क्या बतलाएगा देश प्रेम,मुझे बात उससे ये कहने दो।

कि मत बेचो तुम देश भक्ति को,
                         हमे तिरंगे मे रहने दो,
रंगों से तुम भेद हटा के,
                      हनुमान को सबका रहने दो।
     #NojotoQuote mat becho tum desh bhakti ko
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