नफरतों के बाजार मे बैठा हूँ मै मोहब्बत के इंतजार मे रुसवा हो गई है जमाने मे सच्चाई क्या करें हर मोड़ हर चौराहे पर झूठ की रंगत है छाई तू चाहे झूठ का कितना भी रंग चढा ले कितने भी नफरतों के बाजार लगा ले सच छुप नही पाएगा झूठ के नकाब से बैठा हूँ मै मोहब्बत के इंतजार मे..... #अंजान... #nojoto #अंजान....