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औरत तू इंसान नहीं, भगवान हैं । तू महज़ माँ नहीं,

औरत तू  इंसान  नहीं, भगवान हैं ।
तू महज़ माँ नहीं, हमारा ज़ीवन हैं । 
                         तू इंसान नहीं, भगवान हैं ।

तू धरती का बोझ नहीं, धरती का टुकड़ा हैं ।
तू धरती पर कलंक नहीं, धरती की शान हैं ।
                         तू इंसान नहीं, भगवान हैं ।

तू पतंग नहीं, तितली हैं ।
तू  दासी  नहीं,  रानी हैं ।
                         तू इंसान नहीं, भगवान हैं ।

तू ख़्वाब नहीं, हक़ीक़त हैं ।
तू सपना  नहीं, मंजिल  हैं ।
                         तू इंसान नहीं, भगवान हैं ।

तू  धूप  नहीं,  छाँव  हैं ।
तू अँधेरा नहीं, उजाला हैं ।
                         तू इंसान नहीं, भगवान हैं ।

तू  भाषा   नहीं,   सबकी  परिभाषा  हैं । 
तू महज़ अल्फ़ाज नहीं, मेरी कविता हैं ।
                         तू इंसान नहीं, भगवान हैं ।

औरत तू एक नहीं, तेरे रूप अनेक ।
तू हैं तो हमारा वजूद हैं, तू नही तो हम नहीं ।
                         तू इंसान नहीं, भगवान हैं ।

तेरे आगे ये दुनिया क्या, सारी क़ायनात नतमस्तक हैं ।
औरत ,तू इंसान नहीं, भगवान हैं ।
                         तू इंसान नहीं, भगवान हैं । औरत तू  इंसान  नहीं, भगवान हैं ।
तू महज़ माँ नहीं, हमारा ज़ीवन हैं । 
                         तू इंसान नहीं, भगवान हैं ।

तू धरती का बोझ नहीं, धरती का टुकड़ा हैं ।
तू धरती पर कलंक नहीं, धरती की शान हैं ।
                         तू इंसान नहीं, भगवान हैं ।
औरत तू  इंसान  नहीं, भगवान हैं ।
तू महज़ माँ नहीं, हमारा ज़ीवन हैं । 
                         तू इंसान नहीं, भगवान हैं ।

तू धरती का बोझ नहीं, धरती का टुकड़ा हैं ।
तू धरती पर कलंक नहीं, धरती की शान हैं ।
                         तू इंसान नहीं, भगवान हैं ।

तू पतंग नहीं, तितली हैं ।
तू  दासी  नहीं,  रानी हैं ।
                         तू इंसान नहीं, भगवान हैं ।

तू ख़्वाब नहीं, हक़ीक़त हैं ।
तू सपना  नहीं, मंजिल  हैं ।
                         तू इंसान नहीं, भगवान हैं ।

तू  धूप  नहीं,  छाँव  हैं ।
तू अँधेरा नहीं, उजाला हैं ।
                         तू इंसान नहीं, भगवान हैं ।

तू  भाषा   नहीं,   सबकी  परिभाषा  हैं । 
तू महज़ अल्फ़ाज नहीं, मेरी कविता हैं ।
                         तू इंसान नहीं, भगवान हैं ।

औरत तू एक नहीं, तेरे रूप अनेक ।
तू हैं तो हमारा वजूद हैं, तू नही तो हम नहीं ।
                         तू इंसान नहीं, भगवान हैं ।

तेरे आगे ये दुनिया क्या, सारी क़ायनात नतमस्तक हैं ।
औरत ,तू इंसान नहीं, भगवान हैं ।
                         तू इंसान नहीं, भगवान हैं । औरत तू  इंसान  नहीं, भगवान हैं ।
तू महज़ माँ नहीं, हमारा ज़ीवन हैं । 
                         तू इंसान नहीं, भगवान हैं ।

तू धरती का बोझ नहीं, धरती का टुकड़ा हैं ।
तू धरती पर कलंक नहीं, धरती की शान हैं ।
                         तू इंसान नहीं, भगवान हैं ।

औरत तू इंसान नहीं, भगवान हैं । तू महज़ माँ नहीं, हमारा ज़ीवन हैं । तू इंसान नहीं, भगवान हैं । तू धरती का बोझ नहीं, धरती का टुकड़ा हैं । तू धरती पर कलंक नहीं, धरती की शान हैं । तू इंसान नहीं, भगवान हैं ।