सपनों के पुल तले चाँद उम्मीदों का हथेली पर अपनी हमने भी सजा लिया, चादर सी ओढ़े काली रात के बादलों के बीच झाँकते चाँद को यूँ कुछ इस कदर हमने भी चुरा लिया, बिखरती हथेली पर चाँद की चाँदनी रूपी हकीक़त की रोशनी को हमने भी मुट्ठी में कैद करने का दृष्टिकोण बना लिया, माना छोटी है ज़िन्दगी और बड़े हैं सपनें उन सपनों की हकीक़त तो हम जानते नहीं मगर सपनों के पुल तले जीने का हुनर जरूर हमें आ गया, ♥️ Challenge-880 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।