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ये जो दर्द सह रहे हो और कुछ ना कह रहे हो। तो एक ब

ये जो दर्द सह रहे हो 
और कुछ ना कह रहे हो।
तो एक बात कान खोल के सुन लो,
और थोड़ी सी गरम खून अपने कलेजे पे बून लो।

कह के चला गया वो बेटा वो भाई वो जवान 
अब जिये चाहे जौसे ये पूरा हिंदुस्तान,
क्योंकि फर्क किसको पड़ता है 
कौन किसके लिए लड़ता है,
सब तो अखबारों में लिपटे है
सोख मनाते चादर ओढ़े 
समाचारो में ही सिमटे है,

जबाब आज नही दिए तो कल फिर कोई क़ुर्बान होगा 
फिर इसका जिम्मेदार अपना पूरा हिंदुस्तान होगा।
पूरा पाक झाँक को साफ कर 
अखंड भारत का नाम रखो ,
इन पाकिस्तानी दरिन्दों का पूरी तरह लगाम कसो।

अबकी होली में कैसा रंग लाए
ये सोच आँखे भर जाते है।
फिर लाल रंग के लहू और वो समाधी याद आते है
कैसे खेलु अब होली 
यहां दिल पे खंज़र, आखो में आशुओ के बरसाते है।
व यादो में ही आकर मेरा सारे भूख मिटाते है।।

हमे बचाये वो जवान ,तो उसे कौन बचाएगा
आग के गोले के सामने क्यो सिर्फ उसके ही छाती आएगा
हम टवीट पे रिट्वीट करे
वो कफन में लिपटे घर वापस खामोशी लेकर आएगा।
माँ का आँचल ,प्रानप्रिय का सिंधुर मिटा चल जाएगा।

चलो श्रधांजलि दे कर एक औपचारिकता तो निभाये हम
पर जहां एक परिवार बने 
उस आँगन को कैसे मनाये हम।
कैसे समझाये उस बहन को जो आँशु जहर-सा पी रही है
टूटा सारा आसमां उस माँ पे 
ऐसे तरप के बेजान जी रही है।।

जिंदगी है जो क़ीमती ,तो मृत्यु शस्ती नही है यारो।
हिंदुस्तान कोई कब्रिस्तान की बस्ती नही है यारो।।

ये पाकिस्तानी हमारे पैरों के धूल है 
इसकी हमारे सामने कोई हस्ती नही है यारो।











 #NojotoQuote @देश #भक्ति #देशकेजवान्न #माँ #बहन #भाई #पत्नि #हिंदुस्तान #poem #शायरी
ये जो दर्द सह रहे हो 
और कुछ ना कह रहे हो।
तो एक बात कान खोल के सुन लो,
और थोड़ी सी गरम खून अपने कलेजे पे बून लो।

कह के चला गया वो बेटा वो भाई वो जवान 
अब जिये चाहे जौसे ये पूरा हिंदुस्तान,
क्योंकि फर्क किसको पड़ता है 
कौन किसके लिए लड़ता है,
सब तो अखबारों में लिपटे है
सोख मनाते चादर ओढ़े 
समाचारो में ही सिमटे है,

जबाब आज नही दिए तो कल फिर कोई क़ुर्बान होगा 
फिर इसका जिम्मेदार अपना पूरा हिंदुस्तान होगा।
पूरा पाक झाँक को साफ कर 
अखंड भारत का नाम रखो ,
इन पाकिस्तानी दरिन्दों का पूरी तरह लगाम कसो।

अबकी होली में कैसा रंग लाए
ये सोच आँखे भर जाते है।
फिर लाल रंग के लहू और वो समाधी याद आते है
कैसे खेलु अब होली 
यहां दिल पे खंज़र, आखो में आशुओ के बरसाते है।
व यादो में ही आकर मेरा सारे भूख मिटाते है।।

हमे बचाये वो जवान ,तो उसे कौन बचाएगा
आग के गोले के सामने क्यो सिर्फ उसके ही छाती आएगा
हम टवीट पे रिट्वीट करे
वो कफन में लिपटे घर वापस खामोशी लेकर आएगा।
माँ का आँचल ,प्रानप्रिय का सिंधुर मिटा चल जाएगा।

चलो श्रधांजलि दे कर एक औपचारिकता तो निभाये हम
पर जहां एक परिवार बने 
उस आँगन को कैसे मनाये हम।
कैसे समझाये उस बहन को जो आँशु जहर-सा पी रही है
टूटा सारा आसमां उस माँ पे 
ऐसे तरप के बेजान जी रही है।।

जिंदगी है जो क़ीमती ,तो मृत्यु शस्ती नही है यारो।
हिंदुस्तान कोई कब्रिस्तान की बस्ती नही है यारो।।

ये पाकिस्तानी हमारे पैरों के धूल है 
इसकी हमारे सामने कोई हस्ती नही है यारो।











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