एहसासों के उबड़-खाबड़ डगर में संभल संभल कर रखती हूं तनिक कदम.. कहीं छलक न जाये असंतुलित मन.. सफ़र जारी जो रखना है जीवन-भर.. #मित्र #योरकोटदोस्ती #मित्रता