मेरे आगाज़ से मेरी जिंदगी कलमों की ग़ुलाम है, मै फैरत हूं तो वो मेरा ताज़ है, मै उन्नत हु तो वो मेरा साज़ है , गर्दिश फिर भी यहीं है कि नचाह्त में भी मै हमेशा उसके साथ हूं। #लिखना